
असम में भूकंप के झटके: प्राकृतिक आपदा का प्रभाव और प्रबंधन
27 फरवरी 2025 को असम में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे राज्य के कई हिस्सों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। गुवाहाटी सहित अन्य प्रमुख शहरों में भी इस भूकंप का प्रभाव देखा गया। हालांकि, प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, किसी बड़े जान-माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 मापी गई, जिसका केंद्र असम-मेघालय सीमा के पास था।
भूकंप का वैज्ञानिक विश्लेषण
असम भूकंप संभावित क्षेत्र (Seismic Zone V) में आता है, जहाँ पहले भी कई बड़े भूकंप आ चुके हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह क्षेत्र भारतीय टेक्टोनिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट की टकराव सीमा पर स्थित है, जिससे यहां भूकंप की संभावना अधिक रहती है। इस भूकंप का मुख्य कारण भी इसी टेक्टोनिक हलचल को माना जा रहा है।
प्रभावित क्षेत्र और नुकसान का आकलन
हालांकि इस भूकंप में कोई बड़ी क्षति नहीं हुई, लेकिन गुवाहाटी, सिलचर, जोरहाट, और तेजपुर जैसे शहरों में हल्की दरारें देखी गईं। कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई, लेकिन अधिकारियों ने इसे जल्द ही बहाल कर दिया।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने तुरंत आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात किया और राहत कार्य शुरू किया। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और सतर्क रहने की अपील की। स्थानीय प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए और राहत शिविरों की व्यवस्था की।
नागरिकों की सुरक्षा और एहतियाती कदम
भूकंप जैसी आपदाओं के दौरान नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि भूकंप आए तो खुले स्थानों में जाना, मजबूत संरचनाओं से दूर रहना और झटके रुकने तक किसी मजबूत टेबल या दरवाजे के फ्रेम के नीचे शरण लेना चाहिए।
भूकंप के प्रभावों का दीर्घकालिक मूल्यांकन
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस भूकंप के बाद असम और पूर्वोत्तर भारत में अन्य हल्के झटके महसूस किए जा सकते हैं। राज्य सरकार ने दीर्घकालिक दृष्टि से आपदा प्रबंधन और निर्माण संरचनाओं की मजबूती पर ध्यान देने की बात कही है।
निष्कर्ष
असम में आया यह भूकंप हमें प्राकृतिक आपदाओं से सतर्क रहने और प्रभावी आपदा प्रबंधन की आवश्यकता की याद दिलाता है। सरकार और स्थानीय प्रशासन की तत्परता से बड़ा नुकसान होने से बचा गया, लेकिन भविष्य में हमें और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।